क्या म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करना सही है ?Mutual Fund Kya hai kaise Invest Kare in Hindi

म्यूच्यूअल फण्ड क्या है ? म्यूच्यूअल फण्ड में कैसे इन्वेस्ट करे? क्या म्यूच्यूअल फण्ड सही है? क्या म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करना सही है ? Mutual Fund Kya hai kaise Invest Kare in Hindi, kya mutual fund me invest karna sahi hai, mutual fund kya hai kaise invest kare, mutual fund kya hai hindi me jankari, mutual fund sahi hai hindi me jankari,

आपने टीवी पर विज्ञापन देखा होगा कि म्यूच्यूअल फण्ड सही है। आपके दिमाग में भी आता होगा कि म्यूच्यूअल फण्ड क्या होता है। इसमें निवेश करना चाहिए या नहीं। इसमें कितना रिस्क है। इसके अलावा और भी सवाल आपके दिमाग़ में उठते होंगे। इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपके सारे संदेह दूर हो जायेगे। तो आइये पढ़ते है Mutual Fund Kya hai kaise Invest Kare in Hindi

Contents

म्यूच्यूअल फण्ड क्या है इसमें कैसे इन्वेस्ट करे? (Mutual Fund Kya hai kaise Invest Kare in Hindi)

म्यूच्यूअल फण्ड क्या है? (What is Mutual Fund in Hindi)

म्यूच्यूअल एक ऐसा फण्ड होता है जिसमे कई इन्वेस्टर होते है। इसमें आपके पैसे को फण्ड मैनेजर द्वारा इन्वेस्ट किया जाता है। फंड मैनेजर के पास अच्छा-खासा नॉलेज होता है। उनके पास शेयर मार्किट का अच्छा experience भी होता है। ये आपके पैसे को शेयर मार्किट, बॉन्ड या गोल्ड में निवेश करते है। जिनका कोशिश रहता है कि कम से कम निवेश में ज्यादा प्रॉफिट कैसे generate किया जाए।

म्यूचुअल फंड में आपके पैसे को केवल एक कंपनी में नहीं लगाया जाता है बल्कि कई कंपनियों में लगाया जाता है। आपका पैसा कितनी कंपनियों में निवेश किया जाएगा। यह आपके द्वारा निवेश किये गए फंड पर निर्भर करता है। 

Example- मान लो एक पैकेट है जिसमे 30 कप है। जिसका मूल्य 3000 है। आप उस पैकेट को खरीद नही सकते है क्योंकि आपके पास इतना पैसा नहीं है। या आपको 30 cup की जरूरत नही है। ऐसे में 5 लोग मिलकर उस पैकेट को खरीद लेते हैं। इसके लिए इनको 600 देना पड़ेगा। और प्रत्येक को 6 cup मिल जायेंगे।

इसी तरह म्यूच्यूअल फण्ड में आप हर महीने कुछ पैसे लगाकर म्यूच्यूअल फण्ड के यूनिट buy करते है। जब उस यूनिट को आप खरीदते है तब उसका price 100 है। और 10 साल बाद उस यूनिट का price 200 हो जाता हैं। और अगर आप अपने यूनिट को बेचते है तो हर यूनिट पर आपको 100 रुपये फ़ायदा होता है।

म्यूचुअल फंड में निवेश करना सुरक्षित है? (kya mutual fund me invest karna sahi hai)

आपने TV पर विज्ञापन देखा होगा। म्यूच्यूअल फण्ड सही है। आपके दिमाग में भी ये बात आया होगा कि म्यूचुअल फंड में निवेश करना सुरक्षित है? अगर म्यूच्यूअल फण्ड में आप लम्बे समय तक (10 साल ) तक निवेश करते है तो आप अच्छा-खासा पैसा बना सकते है। अगर आप कुछ चीजों का ध्यान रखते है तो आप म्यूच्यूअल फण्ड में अपने return को बढ़ा सकते है। अपने risk को कम कर सकते है। आपको नीचे दिये गये बातो का ध्यान रखना चाहिए। 

  1. आपको निवेश करने से पहले अपने Risk लेने की छमता के बारे में जानना चाहिए। अगर आप young है तो आप ज्यादा Risk ले सकते है। क्योंकि आपके ऊपर responsibility कम होती है। और आप ज्यादा समय तक निवेश कर सकते है। 
  2. म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश लम्बे समय के लिए करे। क्योकि आपका पैसा शेयर मार्किट में निवेश होता है। और उसमे उतार-चढाव होता रहता है। 
  3. अपने पैसों को अलग-अलग फण्ड में निवेश करें। जैसे Small Cap, Mid Cap, Index Fund. 
  4. अगर मार्केट नीचे गिरता है और आपका पैसा नेगेटिव में दिखता है। आप डर कर पैसा नहीं निकाले। आपका पैसा कई बार नेगेटिव और पॉजिटिव में आयेगा। 
  5. जब मार्किट ज्यादा नीचे गिरे तो Lump Sum amount डाले। 

म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करें? (Mutual fund Investment)

अगर पहली बार म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश कर रहे है। तो आपको निवेश करने से डर लग रहा होगा। म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करने से पहले आपको उस म्यूच्यूअल फण्ड के बारे में अच्छे से जानकारी ले लेना चाहिए। उसके बाद ही आपको निवेश करना चाहिए। आप म्यूच्यूअल फण्ड में SIP या Lumpsum (one time) के द्वारा निवेश कर सकते है।

Lumpsum का मतलब एक बार आपने पैसा निवेश कर दिया। SIP का मतलब हर महीने आप एक निश्चित amount निवेश कर रहे है।

इसे पढ़े – Groww App क्या है। Groww App से पैसे कैसे कमाए

SIP या Lump Sum (one time) में कौन बेहतर है।

ये आपके ऊपर depend करता है कि आप SIP के द्वारा या Lumpsum के द्वारा invest करना चाहते है। बेहतर विकल्प तो यह है आपको दोनों तरह से पैसो को इन्वेस्ट करना चाहिए। आप जिस भी फण्ड में निवेश करना चाहते है। उस फण्ड में Sip शुरू कर दीजिए और शेयर मार्केट जब 1000 point नीचे जाय तो थोड़ा amount Lumpsum करना चाहिए। जब Market ज्यादा नीचे आ जाय तो ज्यादा amount Lumpsum करना चाहिए।

म्यूच्यूअल फण्ड का चुनाव कैसे करे। (Mutual Fund ka chunav kaise kare)

म्यूच्यूअल फण्ड का चुनाव करते समय बहुत सारे लोगों को confusion रहता है कि कौन सा म्यूच्यूअल फण्ड चुने। आइये जानते है म्यूच्यूअल फण्ड चुनने से पहले नीचे दिए गए बातों का ध्यान दे। 

  1. आप कितना रिस्क ले सकते है। रिस्क का मतलब कुछ फंड का price ज्यादा ऊपर-नीचे होते रहते है। अगर आप इस स्थिति में टिके रह सकते है। और आपका लक्ष्य लम्बे समय तक निवेश करने का है तो आपको Small cap में अपने निवेश का ज्यादा प्रतिशत निवेश करना चाहिए। 
  2. अगर आप मध्यम रिस्क ले सकते है तो आपको अपने पैसों को Midcap में निवेश करना चाहिए। 
  3. अगर आप बिल्कुल कम रिस्क लेना चाहते है तो आपको Index फंड या large cap फण्ड में निवेश करना चाहिए। 
  4. म्यूच्यूअल फण्ड में सबसे ज्यादा important चीज है। सही फंड का चुनाव और कितने समय के लिए निवेश कर रहे है। जितना ज्यादा टाइम के लिए निवेश करेंगे। उतना आपको अच्छा return मिलेगा। 
  5. मार्किट चाहें ऊपर जाय या नीचे जाय आपको अपना SIP जारी रखना है। मार्किट जब ज्यादा नीचे गिरे तो Lump Sum अमाउंट भी डालना चाहिए।
  6. हमेशा Direct mutual fund में निवेश करना चाहिए। न कि Regular fund में।
  7. हमेशा 10 साल का म्यूच्यूअल फण्ड का performance चेक करके ही invest करना चाहिए।

म्यूच्यूअल फण्ड में किस apps से इन्वेस्ट करे?

Mutual fund में इन्वेस्ट करने के लिए मार्केट में famous app में Groww app, Zerodha app है। आप इनमें से कोई भी app use करके म्यूच्यूअल फण्ड में इन्वेस्ट कर सकते है। Groww app म्यूच्यूअल फण्ड में इन्वेस्ट करने के लिए कोई भी चार्ज नही लेता है। वही Zerodha कुछ पैसे लेता है। अगर आपको केवल mutual fund में invest करना है तो Groww app से कर सकते है। वही अगर शेयर मार्केट में भी इन्वेस्ट करना है तो Zerodha app अच्छा है।

आपके दिमाग मे यह भी बात आता होगा कि अगर ये app बंद हो जाए तो आपका पैसा डूब जाएगा। ऐसा नहीं है आपका पैसा CDSL द्वारा मैनेज होता है। यह SEBI द्वारा regulate होता है। और आपका पैसा सुरक्षित रहता है।

म्यूच्यूअल फण्ड investment कब शुरू करें?

आप म्यूच्यूअल फण्ड में investment कभी भी शुरू कर सकते है। मार्किट चाहे high हो या low हो। आपको SIP के जरिये ही investment करनी चाहिए। मार्केट जब गिरे उस समय Lump Sum करनी चाहिए।

म्यूच्यूअल फण्ड के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट

  1. Aadhaar card
  2. Pan card
  3. Signature
  4. Mobile no
  5. Email id
  6. Cancel cheque
  7. Account no
  8. Nominee detail

म्यूचुअल फंड में ऑनलाइन निवेश कैसे करें?

अगर आप म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करना चाहते है तो आप बैंक में जाकर कर सकते है। लेकिन म्यूच्यूअल फण्ड में ऑनलाइन निवेश करना आसान है। मार्केट में बहुत सारे Apps है जिसके माध्यम से आप ऑनलाइन निवेश कर  सकते है जैसे -Groww app, zerodha

ऑनलाइन निवेश से यह फायदा होता है कि आप अपने फंड का डेली performance check कर सकते है। आपको कही जाने की जरूरत भी नहीं पड़ती है। आप कभी भी अपने पैसों को withdraw करके अपने account में माँगा सकते है।

Mutual fund के प्रकार (Types Of Mutual Fund)

इक्विटी फंड (Equity Fund)

Equity Fund का अधिकतर पैसा शेयर में लगाया जाता है। इस स्कीम में फण्ड मैनेजर को 65% पैसा शेयर में लगाना पड़ता है। बाकी पैसों को वो बांड और बैंक में रख सकती है। चुकि Equity fund का अधिकतर पैसा शेयर में निवेश किया जाता है। तो return अच्छे आते है। लेकिन इस फण्ड में रिस्क भी ज्यादा होता है। 

अगर किसी ने Equity fund  में शॉर्ट टर्म यानी 12 महीने से कम समय के निवेश किया है तब उसे 15 फीसदी की दर टैक्‍स देना होता है।  इसी फंड में यदि किसी ने 12 महीने से ज्‍यादा यानी लॉन्‍ग टर्म निवेश किया है और कैपिटल गेन 1 लाख रुपये से कम हुआ है, तो आपको कोई टैक्‍स नहीं देना होगा.

डेट फंड (Debt Fund) 

डेट फंड का अधिकतर पैसा मुख्य रूप से bonds और corporate fixed deposit में डाला जाता है। इस तरह के फंड का 65% पैसा बांड या बैंक deposit में लगाया जाता है। बाकी पैसों को शेयर मार्केट में लगया जाता है। इस फण्ड में equity से कम return मिलते है। क्योंकि इसमें पैसों को फिक्स्ड चीजों में इन्वेस्ट किया जाता है। इसमें equity की अपेछा कम रिस्क भी होता है। आप इस फण्ड से फिक्स्ड डिपॉजिट से ज्यादा की उम्मीद कर सकते है। 

यदि Debt fund को 3 साल बाद redeem करते है तो आपको Long term capital gains tax देना होगा। इस Long term capital gain की गणना indexation के 10 प्रतिशत होगी और indexation के साथ 20 प्रतिशत होगी। 

यदि आप 3 साल से पहले डेब्ट फण्ड को redeem कर लेते है तो इससे हुई इनकम पर आपको short-term capital gains tax देना होगा। इस short-term capital gains को आपके कुल आमदनी में जोड़ा जायेगा। उसके बाद Tax Slab के अनुसार Tax लगेगा। 

बैलेंस फण्ड ( Balanced Mutual Fund )

Balanced Mutual Fund में आपके पैसों को शेयर और बॉन्ड में लगाया जाता है। शेयर में रिस्क ज्यादा होता है। लेकिन उसमे Return अच्छा मिलता है। जबकि बॉन्ड कम risky होते है। लेकिन इससे Return भी कम मिलता है। इस तरह के फण्ड से कम रिस्क में अच्छा return मिल जाता है। 

ये फण्ड Equity fund की तरह तो high Return नहीं देते है और न ही debt fund की तरह सेफ होते है। ये फण्ड निवेश में संतुलित रवैया (balanced approach) अपनाते हैं। अगर कम रिस्क में थोड़ा अच्छा Return चाहता है तो इस फण्ड में निवेश करना चाहिए। 

वीडियो देखकर ऐड करो 

टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड – Equity linked saving scheme (ELSS)

ELSS फंड का पैसा शेयर में ही लगाया जाता है। इसमें Return भी अच्छा मिलता है। लेकिन इसमें रिस्क भी ज्यादा होता है। ELSS का मतलब Equity linked saving scheme होता है। इस तरह के फंड के ऊपर सरकार tax में छूट देती है। इसलिए इसे Tax Saving Mutual Funds भी कहा जाता है। इस फण्ड में आपका पैसा 3 साल के लिए लॉक हो जाता है। यानी आप 3 साल के बाद ही पैसा निकाल सकते है। 

आप इस फण्ड से अपना टैक्स save कर सकते है। अगर आप इस फण्ड में निवेश करते है तो आपको section 80C के तहत टैक्स में छूट मिल सकता है। अगर आप कम समय के लिए अपना पैसा जमा करके ज्यादा Tax बचाने की सोच रहे हैं तो Tax Saving Mutual Funds यानी ELSS सबसे बेहतर Option हो सकते हैंं।

इंडेक्स फंड (Index Fund)

Index fund जैसे नाम से स्पष्ट है। यह बाजार के सूचकांकों (market indices) के structure की ही copy करके पैसा लगाता है। जैसे – NSE Nifty, BSE Sensex, etc. Index fund में भी शेयर में ही पैसों को इन्वेस्ट किया जाता है। लेकिन ये अपने हिसाब से चुने हुए शेयर में पैसा नहीं लगाता है। 

BSE Sensex में भारत की 30 बड़ी कंपनी को शामिल किया जाता है। जिनका प्रदर्शन सबसे अच्छा होता है। अगर कोई कंपनी अच्छा प्रदर्शन नहीं करती है तो उसे कंपनी को उसे लिस्ट से हटकर, वैसी कंपनी को उसमें शामिल कर लिया जाता है, जो अच्छा प्रदर्शन कर रही है। 

वैसे ही NSE Nifty 50 में भारत की 50 कंपनी को शामिल किया जाता है। जो सबसे अच्छा प्रदर्शन करती है। अगर कोई कंपनी अच्छा प्रदर्शन नहीं करती है तो उसको list से हटाकर उस कंपनी को List में शामिल कर लिया जाता है जो अच्छा प्रदर्शन कर रही है।

चुकी इंडेक्स फंड BSE और Nifty को कॉपी करता है। इसलिए इनका रिटर्न भी BSE और Nifty की तरह ही होता है। लेकिन यह हमेशा हूबहू रिटर्न नहीं देता। क्योंकि इसको BSE और Nifty के इंडेक्स को कॉपी करने में समय लग जाता है। इसे ही tracking error कहा जाता है।

इस फंड का expense ratio कम होता है। क्योंकि इसको मैनेज करने के लिए किसी फण्ड मैनेजर की जरुरत नहीं पड़ती है। आप किसी भी app से इसमें investment कर सकते है। 

एक्सचेंज ट्रेडेड फंड या ETF

ETF इंडेक्स फंड की तरह  ही होते है। लेकिन इन दोनों के बीच अंतर भी है। इंडेक्स फंड को आप stock exchange से सीधे खरीद सकते है। जबकि ETF को stockbroker से खरीद सकते है। ETF का प्राइस सेंसेक्स के अनुसार ऊपर नीचे होता रहता है। जबकि mutual फण्ड का price उस दिन का last price होता है। 

हेज फंड (Hedge Fund)

इस फण्ड में हाई नेटवर्थ वाले लोग पैसा लगाते हैं। यह सही है कि इसमें जोखिम अधिक है, लेकिन रिटर्न भी अधिक है। इनकी ट्रेडिंग के तौर-तरीके म्युच्युअल फंड से अलग। यहां तक कि यदि शेयर बाजार में गिरावट चल रही है तो भी हेज फंड उससे पैसा बनाकर आपको रिटर्न दे सकता है। इसमें Retail investor पैसा नहीं लगा सकते है। हेज फंड का फंड मैनेजर केवल profit के लिए काम करता है। 

सर्वश्रेष्ठ म्यूचुअल फंड का चुनाव कैसे करें?

म्यूच्यूअल फण्ड का चुनाव करने से पहले बहुत से  Parameters का ध्यान देना होता है। जिसमे Return, Risk, timing  शामिल है। इसके आलावा और भी चीजे जैसे expense ratio, past performance, fund manager experience का भी ध्यान रखना पड़ता है। म्यूच्यूअल फण्ड का चुनाव करने से पहले आपको सही से रिसर्च कर लेना चाहिए। आपको नीचे दिए गये बातों का भी ध्यान देना चाहिए। 

  1. लक्ष्य (Goals)

म्यूच्यूअल फण्ड इन्वेस्टमेंट करने से पहले आपको अपना Goal पता होना चाहिए की कितने समय बाद आपको कितना पैसा चाहिए। आप पहले decide कर ले की आपको किस goal के लिए कितने पैसे की जरुरत पड़ेगी। आपका Goal छोटा जैसे की किसी प्रोडक्ट को खरीदने का लक्ष्य या बड़ा जैसे कि  retirement, education, Marriage इत्यदि का हो सकता है। अपने Goal और समय के अनुसार म्यूच्यूअल फण्ड का चुनाव करना चाहिए। 

  1. जोख़िम (Risk)

म्यूच्यूअल फण्ड में इन्वेस्टमेंट से पहले अपने जोख़िम उठाने की छमता के बारे में पता होना चाहिए। हर फंड का अपना रिस्क फैक्टर है। किसी फंड का रिस्क फैक्टर कम होता है और return भी कम होता है। वही किसी फण्ड में रिस्क ज्यादा होता है और return भी ज्यादा होता है।

अगर आप Equity fund में निवेश करते है तो वहाँ रिस्क ज्यादा है और return भी ज्यादा है। अगर आप लंबे समय तक इसमें निवेश करते है तो आपको बाकी फंड की अपेक्षा return ज्यादा मिलेगा। और रिस्क भी कम रहता है।

अगर आप Debt mutual fund में निवेश करते है। तो इसमें रिस्क कम होता है और profit भी इक्विटी fund की अपेक्षा कम होता है।आपको अपने रिस्क के अनुसार फंड का चुनाव करना चाहिए।

  1. तरलता (Liquidity)

म्यूच्यूअल फण्ड का चुनाव करते समय यह भी देखना चाहिए कि उस फंड की आपको कब जरूरत पड़ेगी। अगर आपको एक साल के अंदर पैसे की जरूरत होगी तो आपको इक्विटी फण्ड में निवेश से बचना चाहिए। क्योंकि इक्विटी फण्ड काफी ऊपर नीचे होते रहते है। इस फण्ड में आप अच्छे return तभी कमा सकते है। जब आप लंबे समय के लिए निवेश करें। अगर आपको कम समय के लिए निवेश करना है तो liquid फण्ड आपके लिए अच्छा रहेगा।

  1. फंड का प्रदर्शन (Fund Performance)

किसी भी म्यूच्यूअल फण्ड में इन्वेस्टमेंट से पहले उस फंड का प्रदर्शन देख लेना चाहिए। उस फंड का 3 साल, 5 साल और 10 साल का प्रदर्शन चेक करना चाहिए। फंड का प्रदर्शन खराब market में कैसा रहता है। यह भी ध्यान में रखना चाहिए। कि वह फण्ड अपने category avg को beat कर पाता है या नही। आप जिस फण्ड में इन्वेस्ट कर रहे है उस फंड का मैनेजर का track record कैसा है।

  1. Expense Ratio

Expense ratio  उस फंड को मैनेज करने के लिए किया गया खर्च है। जो फंड मैनेजर द्वारा लिया जाता है। आपको कम expense ratio वाले म्यूच्यूअल फण्ड को चुनना चाहिये। क्योंकि शुरू में यह amount कम लगता है। लेकिन लंबे समय में यह अमाउंट ज्यादा हो जाता है। यह ratio 1% से कम होना चाहिए। आपको हमेशा direct fund चुनना चाहिए न कि regular fund। क्योंकि direct फंड का expense ratio कम होता है।

  1. Entry And Exit Load

Entry load वह amount है जो एक फण्ड house द्वारा म्यूच्यूअल फण्ड खरीदने पर काटा जाता है। वही Exit load, जब कोई फंड से कम समय मे ही exit हो जाता है तब काटा जाता है। आजकल कई म्यूच्यूअल फण्ड द्वारा entry load नही काटा जाता है। म्यूच्यूअल फण्ड का Entry And Exit Load कम से कम होना चाहिए।

  1. टैक्स (Tax)

आपको म्यूच्यूअल फण्ड से जो भी profit होता है उस पर आपको tax देना होता है। अगर आपने equity mutual fund में निवेश किया है और उसको 12 month के बाद redeem करना चाहते है। तो आपको long टर्म capital gain पर 10% टैक्स देना होगा। अगर आपने 12 महीने के पहले उसको निकाल लिया तो आपको short term capital gain पर 15% टैक्स देना होगा। आपको अपने profit पर टैक्स देना होगा। जिसमें 1 लाख तक आपको छूट मिलेगी। कुछ ELSS फण्ड भी होते है जिनसे आपको टैक्स में छूट मिल जाती है।

  1. Direct Plans vs Regular plan

Direct Plans vs Regular plan एक ही म्यूच्यूअल फण्ड के अलग-अलग version होते है। Direct plan में आप फंड हाउस से direct म्यूच्यूअल फण्ड के यूनिट खरीद सकते है। वही Regular plan में आप Broker के जरिये यूनिट खरीदते है। Direct फंड का return Regular फण्ड से ज्यादा होता है क्योंकि इसका expense ratio कम हित है।

  1. Diversified portfolio

आपको अपना Portfolio, Diversified रखना चाहिए। आपको अपने पैसों को अलग-अलग अच्छे फण्ड में निवेश करना चाहिए। ताकि आपका Portfolio बैलेंस रहे। आपको अपना सारा पैसा एक ही फण्ड में निवेश नही करना चाहिए। आपको इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि आपका एक फण्ड आपके दूसरे फण्ड को overlap न करे।

म्यूचुअल फंड्स से जुड़े कुछ (Terms) –

म्यूचुअल फंड यूनिट 

जब भी आप म्यूच्यूअल में निवेश करते है तो आपको कुछ यूनिट मिलते है। जिसका अपना value होता है। म्यूच्यूअल फण्ड में कई तरह की चीजें शामिल होती है जैसे – कई कंपनियों के शेयर, बांड, गोल्ड  treasury bills इतियादी। इनमे फण्ड मैनेजर आपके पैसों को इन्वेस्ट करता है। उसके बदले में आपको यूनिट मिलता है। जैसे किसी म्यूच्यूअल फण्ड का nav 100 रुपया है। और आपने 1000 इन्वेस्ट किया तो आपको 10 यूनिट मिल जाएंगे। जब उस म्यूच्यूअल फण्ड का Price 5 साल या 10 साल बाद 200 हो गया। अगर आप उस समय अपना म्यूच्यूअल बेचते है तो आपको 1000 के 2000 मिलेंगे। 

म्यूचुअल फंड स्कीम

म्यूच्यूअल फण्ड कंपनियां अलग-अलग म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम चलाती है। हर स्कीम का target अलग-अलग होता है। कुछ AMC छोटे कंपनी में तो कुछ बड़े कंपनी में निवेश करती है। कुछ AMC ज्यादा रिस्क लेती है तो कुछ कम रिस्क लेती है। कुछ AMC अपना पैसा Govt स्कीम में लगाती है। 

Asset Management Companies (AMC)

AMC सेबी से रजिस्टर्ड ऐसी कंपनी होती जो म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम बनाती है। इंडिया में बहुत सी AMC कंपनियां है। जो म्यूच्यूअल फण्ड में इन्वेस्ट करती है। इन AMC के एक मैनेजर होते है। जो इनका management देखते है। 

फंड मैनेजर (fund Manager)

AMC जब भी मार्केट में कोई नया फण्ड जारी करता है तो उस फण्ड को सही तरीक़े से चलाने के लिए मैनेजर रखती है। जिसे फण्ड मैनेजर कहते है। यह एक या दो हो सकते है। इसके अलावा AMC के पास एक रिसर्च टीम भी होता है। ये investment strategy बनाती है।

NAV क्या होता है? (What is NAV?)

NAV का मतलब Net Asset Value होता है। यह म्यूच्यूअल फण्ड की 1 यूनिट का value होता है। यह Mutual fund के performance को बताता है। 

मान लीजिए किसी कंपनी ने अपना नया म्यूच्यूअल फण्ड जारी किया। उस समय उसका NAV मूल्य 10 रुपया है। अब जैसे-जैसे लोग उसमे इन्वेस्ट करते जायेगे। उसका प्राइस बढ़ता जाएगा। क्योंकि फण्ड मैनेजर उस अमाउंट को शेयर मार्केट, बांड, गोल्ड इत्यादि में इन्वेस्ट करता है। और profit अमाउंट उसके मूल्य में जुड़ता जाता है। अगर 10 लोगो ने 10 रुपया का Nav का mutual फण्ड में निवेश किया। कंपनी ने उस 100रुपये को इन्वेस्ट करके 50 रुपया प्रॉफिट कमाया। अब उसका प्राइस 150 रुपया हो गया। और NAV बढ़कर 15 रुपया हो जाएगा। (150/10=15 रुपए)

न्यू फण्ड आफर (NFO) क्या होता है?

Mutual Fund कंपनियां समय-समय पर नई-नई mutual फण्ड स्कीम लॉन्च करती रहती है। जिन्हें NFO कहते है। इन Mutual fund का अलग-अलग नाम होता है जैसे Nippon Small Cap. ये कंपनियां अपने prospectus भी जारी करती है। जिसमे उस फंड के बारे में सारे detail रहते है। उस फंड को कौन मैनेज करेगा। वह सारे detail भी रहता है। जब ये स्कीम लांच होती है, उस समय इसके 1 यूनिट की कीमत 10 रुपया रहता है। उस period को new fund offer Period कहते है। इस Period में Mutual Fund Company आपके पैसों को इन्वेस्ट नहीं करती है। जब New fund offer Period खत्म हो जाता है। उसके बाद ही ये पैसा इन्वेस्ट करती है। 

म्यूचुअल फंड में मिनिमम इन्वेस्टमेंट कितना करें।

Mutual Fund में मिनिमम इन्वेस्टमेंट फण्ड के ऊपर depend करता है। कुछ फण्ड में 100 से 1000 रुपये के बीच डालकर अपना इन्वेस्टमेंट शुरू कर सकते है। बाद में अपना amount बढ़ा भी सकते है। अगर आप small अकाउंट भी लंबे समय तक निवेश करते है तो अच्छा पैसा बना सकते है।

म्यूचुअल फंड में कितना ब्याज मिलता है?

यह फिक्स्ड नही होता है कि आपको mutual फण्ड से कितना ब्याज मिलेगा। और यह आपके फण्ड के ऊपर depend करता है। अगर small cap की बात करे तो आपको 17 से 18% औसत ब्याज मिलेगा। Mid cap से आप 15 से 16% और index fund से 12 से 13% intrest की उम्मीद कर सकते है।

क्या म्यूचुअल फंड 5 साल के लिए सुरक्षित है?

वैसे तो Mutual fund में लंबे समय तक निवेश करना चाहिए तभी आप अच्छा return बना सकते है। अगर आपको कम समय के लिए निवेश करना है तो आप Debt fund में निवेश कर सकते है। आप चाहें तो अपने पैसों को fixed deposit में भी डाल सकते है।

म्यूचुअल फंड कितने साल तक रखना चाहिए?

Mutual fund में आप जितना ज्यादा समय के लिए पैसा निवेश करेंगे उतना रिस्क कम होगा। और आपको उतना ही अच्छा return मिलेगा। आप जितना जल्दी इन्वेस्टमेंट शुरू करेंगे उतना अच्छा रहेगा। अगर आप 15 साल के लिए इन्वेस्ट करते है तो आपको compounding का फायदा मिलेगा और आप अच्छा-खासा पैसा बना सकते है।

म्यूचुअल फंड में 10 साल में 1 करोड़ कैसे बनाएं?

अगर आप 10 साल में 1 करोड़ बनाना चाहते है तो आपको 40,000 रूपये की SIP करनी होगी। अगर आपको 15% interest मिलता है। तो आप 10 साल में 1 करोड़ बना सकते है। वहीं आप अगर 15,000 की SIP 15 साल के लिए करते है। अगर आपको 15% interest मिलता है। तो आप 15 साल में 1 करोड़ बना सकते है। अगर आप समय को बढ़ा देते है तो आपको कम SIP में ही 1 करोड़ कमा सकते है। 

म्यूचुअल फंड कैलकुलेटर ( Mutual fund Calculator)

मार्केट में बहुत सारे ऐसे App है जिसके माध्यम से आप calculate कर सकते है। जिसमे आप SIP amount, Rate of interest, और year डालकर अपने Goal amount को check कर सकते है। आप इसमें Lump Sum डालकर भी अपने Goal को check कर सकते है। 

म्यूचुअल फंड में नुकसान कब होता है?

Mutual फंड में नुकसान तभी होता है। जब आप बिना रिसर्च के किसी भी फण्ड में निवेश कर देते है। आपको किसी भी फण्ड में निवेश करने से पहले उसके बारे में पूरी तरह से रिसर्च कर लेनी चाहिए। कभी भी अपना SIP रोकना नही चाहिए। चाहे मार्किट ऊपर जाय या नीचे जाय। मार्किट अगर नीचे गिरे तो अपने पैसे नही निकलना चाहिए। बल्कि उस समय आपको Lump Sum डालना चाहिए। इन बातों का ध्यान रखकर आप नुकसान से बच सकते है। 

म्यूचुअल फंड से पैसा कब निकाल सकते हैं?

आप म्यूच्यूअल फण्ड से पैसे कभी भी निकाल सकते है। लेकिन अगर आप थोड़े समय बाद ही पैसे निकाल लेंगे तो इससे आपको फ़ायदा के बदले नुकसान हो जायेगा। म्यूच्यूअल फण्ड में वहीं पैसे इन्वेस्ट करना चाहिए। जिस पैसो को आप लम्बे समय (10 साल ) तक निवेश कर सके। अगर आपको लम्बे समय के लिए पैसों को निवेश नहीं करना है तो आप उस राशि को fixed deposit में डाल सकते है।

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